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लेखनी कहानी -03-Aug-2022 मेरा भारत सब में बसता है

#स्वाधीनता दिवस पर गीत प्रतियोगिता हेतु 


गीत : मेरा भारत सब में बसता है 

अजब गजब के खेलों में 
यहां रंग बिरंगे मेलों में 
उत्सव, तीज, त्यौहारों में 
चूड़ी, कंगन और हारों में 

ललनाओं के गालों में हंसता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।।

होली के रंग घुलें मन में 
और चंग की थाप बजे तन में 
जगमग जगमग घर आंगन हो
दीपों का पर्व वो पावन हो 

फुलझड़ियों के जैसा खिलता है
मेरा भारत सब में बसता है ।।

मजदूर के टपके पसीने में 
किसानों के हल के सीने में 
मेहनत की मीठी कुदालों में 
तीरों में , बरछी में, भालों में 

सूरज सा शौर्य पिघलता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

मन्दिर के जय जयकारों में 
मस्जिद की अजान के नारों में 
गुरुवाणी के मीठे शब्दों में 
बाइबिल के "होली" लफ्जों में 

सब धर्मों के दिल में रमता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

कश्मीर सी जन्नत धरती में 
गुजरात के गांवों की बस्ती में 
केरल के सुंदर बीचों पर 
आसाम के चाय बगीचों पर 

चंदा के जैसा चमकता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

सरसों के साग की प्यारी महक 
चूरमा बाटी की मस्त लहक 
यू पी की चाट के क्या कहने 
इडली डोसा से हों गहने 

दाल भात पे हर कोई पलता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

राणा की मेवाड़ी आन में 
शिवा की मराठी शान में 
लक्ष्मीबाई के बलिदान में 
गुरू गोविन्द सिंह की कृपान में 

कण कण में शौर्य झलकता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

भगत सिंह की जवानी में 
"आजाद" की उस कुर्बानी में 
सुभाष के अतुलित साहस में 
ऊधम सिंह के दुस्साहस में 

जहां क्रांति का बिगुल सा बजता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

गांधी सा नेता ना कोई हुआ 
पटेल ने देश को एक किया 
कैसे भूलें शास्त्री जी को 
दुर्गा की मूरत इंदिरा जी को 

जग में कद देश का बढता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

दुनिया को जिसने योग दिया 
"गीता" का जीवन सार दिया 
सत्य , अहिंसा का उपदेश दिया 
महावीर, बुद्ध सा अवतार दिया 

बम भोला ताण्डव करता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

गंगा सा पावन नीर यहां 
बैकुंठ का सागर क्षीर यहां 
गोदावरी की महिमा न्यारी 
कृष्णा कावेरी सबको प्यारी 

ब्रह्मपुत्र से जीवन मिलता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

हिमगिरि जैसा मस्तक हो जहां 
विंध्य सा सख्त हृदय हो वहां 
अरावली की सुंदर घाटी में 
मुंबई की मस्त चौपाटी में 

सागर भी चरणों को धोता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

भाषा संस्कृति हैं अलग अलग 
पर दिल में है देश की एक झलक 
ये भारत माता हमारी है 
ये हमको जान से प्यारी है 

दिल इसके लिए धड़कता है 
मेरा भारत सब में बसता है ।। 

श्री हरि 
3.8.22 


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7 Comments

Khushbu

04-Aug-2022 08:49 AM

बहुत खूब

Reply

Madhumita

03-Aug-2022 02:37 PM

👏👌🙏🏻

Reply

shweta soni

03-Aug-2022 01:38 PM

Nice 👍

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